राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ये 10 अनमोल विचार जानते हैं आप? आप इन विचारों को अपने अंदर उतारिए और एक सफल और महान मानव बनिए ।

 


इनसान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं. विचार और काम की शुद्धता और सरलता ही महान लोगों को आम लोगों से अलग करती है. वे वही काम करते हैं, जो दूसरे करते हैं, लेकिन उनका मकसद समाज में बदलाव लाना होता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से हम 'बापू' कहते हैं, महान सोच वाले एक साधारण व्यक्ति थे. वे करोड़ों देशवासियों के जीवन में बदलाव लाना चाहते थे. आज हमें जो आजादी हासिल है, उसके लिए राष्ट्रपिता ने बड़ी कुर्बानियां दी थीं. वे सबके साथ मिलकर चलना चाहते थे. आज हम परिवार के अंदर बंट गए हैं, खुद को कंप्यूटर तक सीमित कर लिया है और स्मार्टफोन को अपनी दुनिया बना ली है.


इन जंजीरों से निकलने में बापू के विचार हमारे लिए मददगार साबित हो सकते हैं. गांधीजी जो कहते थे, वह करते थे. यह भी पढ़ें : मलेशिया के इस स्कूल में 'बापू' को रोज याद किया जाता है यहां हम उनके कुछ प्रेरक वचन पेश कर रहे हैं, जो हमारी आंखें खोल सकते हैं. व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है. कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है. ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है. धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है. गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में. आप जो करते हैं वह नगण्य होगा. लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है. हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा. किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं. कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है; यह तो बहादुर की निशानी है. बापू ने कहा कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी.

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